अगर आप सोलर इंडस्ट्री और स्टॉक मार्केट को फॉलो करते हैं, तो Waaree Energies का यह नया डील आपको हैरान कर सकता है। कंपनी ने अमेरिका के एक प्रमुख ग्राहक से 599 मेगावाट के सोलर मॉड्यूल सप्लाई करने का ऑर्डर हासिल किया है। यह ऑर्डर 2026 तक डिलीवर किया जाएगा। इस डील के बाद Waaree का कुल ऑर्डर बुक 25 गीगावाट (₹47,000 करोड़) को पार कर गया है।

यह डील इस बात का सबूत है कि भारतीय सोलर कंपनियां अब ग्लोबल मार्केट में अपनी पकड़ बना रही हैं। Waaree का शेयर पिछले एक साल में 63% बढ़ चुका है, लेकिन क्या यह डील इसे और ऊपर ले जाएगी? आइए विस्तार से समझते हैं।
Waaree Energies
Waaree Energies 1990 से सोलर इंडस्ट्री में काम कर रही है और आज यह भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल एक्सपोर्टर कंपनी है। कंपनी के देश भर में 5 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं और 2027 तक इसकी क्षमता 21 गीगावाट तक पहुंचने की योजना है। Waaree सिर्फ मॉड्यूल ही नहीं बनाती, बल्कि सोलर सेल, इंगॉट और वेफर्स का भी उत्पादन करने जा रही है, जिससे लागत कम होगी और कंपनी का कंट्रोल बढ़ेगा।
मुख्य आंकड़े:
मैट्रिक | वैल्यू |
---|---|
मार्केट कैप | 80,000 करोड़ रुपये से अधिक |
ऑर्डर बुक | 25 गीगावाट (47,000 करोड़ रुपये) |
52-वीक हाई/लो | 2,955 रुपये / 1,808 रुपये |
एक्सपोर्ट मार्केट | अमेरिका, यूरोप, ब्राजील |
डील का विश्लेषण
- ग्राहक: अमेरिका का एक प्रमुख सोलर और एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट डेवलपर।
- आकार: 599 मेगावाट के मॉड्यूल, जिससे लगभग 1.5 लाख घरों को बिजली दी जा सकती है।
- टाइमलाइन: 2026 तक डिलीवरी, यानी रेवेन्यू अगले कुछ सालों में आएगा।
- प्रभाव: ऑर्डर बुक पहले से ही मजबूत है, यह डील भविष्य की ग्रोथ को और पुख्ता करेगी।
Waaree के मॉड्यूल 25 से अधिक देशों में बिकते हैं, लेकिन अमेरिका और यूरोप जैसे मार्केट में चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा है। यह डील दिखाती है कि Waaree क्वालिटी और प्राइसिंग दोनों में ग्लोबल प्लेयर्स के साथ मुकाबला कर सकती है।
शेयर पर क्या होगा असर?
शॉर्ट टर्म में मार्केट इस खबर को डाइजेस्ट करेगा। लॉन्ग टर्म में ये फैक्टर मायने रखेंगे:
- कैपेसिटी एक्सपेंशन: 21 गीगावाट का टारगेट समय पर पूरा होगा या नहीं?
- कच्चे माल की कीमतें: सोलर वेफर और सेल की कीमतें स्थिर रहेंगी?
- ग्लोबल डिमांड: अमेरिका और यूरोप में सब्सिडी में कटौती तो नहीं होगी?
निष्कर्ष
अगर आप पहले से ही Waaree Energies के शेयरधारक हैं, तो इसे होल्ड कर सकते हैं, क्योंकि कंपनी की ग्रोथ स्टोरी अभी जारी है। नए निवेशकों के लिए थोड़ा रिसर्च जरूरी है:
- कर्ज: कंपनी का डेट कम है, जो अच्छा संकेत है।
- वैल्यूएशन: P/E अभी थोड़ा हाई है, लेकिन ग्रोथ इसे सपोर्ट कर सकती है।
- जोखिम: ग्लोबल मंदी या ट्रेड वॉर का असर हो सकता है।
Waaree ने दिखा दिया है कि भारतीय सोलर कंपनियां ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने लगी हैं। हालांकि, शेयर में निवेश से पहले मार्केट ट्रेंड और कंपनी के फंडामेंटल्स को अच्छी तरह समझ लें।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि "Finance Fiber" की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होता है और सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।